लगातार मूसलाधार बारिश ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में तबाही मचा दी है। जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद है, जबकि वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में दर्जनों श्रद्धालु मारे गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में तबाही
जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन से अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे बड़ा हादसा अर्धकुमारी (कटरा) में हुआ, जहां वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की जान गई। राहत-बचाव कार्य NDRF, SDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन की मदद से जारी है।
बारिश के रिकॉर्ड ध्वस्त
इस बार की बारिश ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। जम्मू में 24 घंटे में 296 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो 1973 का रिकॉर्ड तोड़ गई। वहीं उधमपुर में 629.4 मिमी बारिश हुई, जो 2019 की तुलना में लगभग दोगुनी है। लगातार बारिश ने पुलों और सड़कों को नुकसान पहुंचाया और कई जगह पहाड़ खिसकने लगे।
शिक्षा और संचार प्रभावित
भारी बारिश को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। कक्षा 10 और 11 की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इस बीच, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं ठप होने से लाखों लोग संचार व्यवस्था से कट गए हैं।
बाढ़ और रेस्क्यू ऑपरेशन
लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। जेलम नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है, जबकि तवी, बसंतर, उज्ज और चिनाब समेत कई नदियां भी खतरनाक स्तर पर बह रही हैं। अब तक 3,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
वायुसेना और सेना के विमान C-130, IL-76, चिनूक और Mi-17 V5 राहत सामग्री और बचाव दल लेकर प्रभावित इलाकों में तैनात हैं।
हिमाचल प्रदेश में हालात
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ब्यास नदी उफान पर है। चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर बनाला में भूस्खलन और हाईवे का हिस्सा बहने से मार्ग बंद कर दिया गया है।
यातायात और हवाई सेवाएं
सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जम्मू-श्रीनगर हाइवे और जम्मू-पठानकोट मार्ग बंद पड़े हैं। उत्तरी रेलवे ने 22 ट्रेनें रद्द और 27 ट्रेनें शॉर्ट-टर्मिनेट की हैं।
हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ा। लेह एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द हुईं, जबकि जम्मू एयरपोर्ट पर बुधवार दोपहर से संचालन सामान्य हुआ।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हालात की समीक्षा कर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, पानी और संचार बहाली को प्राथमिकता दी।
श्राइन बोर्ड और डिजास्टर मैनेजमेंट बोर्ड ने मृतकों के परिवारों को कुल 9 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मृत श्रद्धालुओं के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेश कुमार ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिससे उत्तर भारत में भारी बारिश हो रही है। आने वाले दिनों में पंजाब, हिमाचल और राजस्थान में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2014 की बाढ़ से सबक नहीं लिया गया और हालात दोबारा नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
✍️मेरी राय
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बारिश से आई तबाही यह दिखाती है कि पहाड़ी इलाकों में बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन को लेकर हमें और तैयारी करनी चाहिए। हर बार आपदा आने पर राहत-बचाव पर जोर दिया जाता है, लेकिन दीर्घकालिक योजना और मजबूत ढांचा बनाने पर ध्यान नहीं दिया जाता। सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान और संपत्ति सुरक्षित रह सके।