जन्मदिन के गिफ्ट से शुरू हुआ विवाद
दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। 34 वर्षीय प्रिया सहगल और उनकी मां 63 वर्षीय कुसुम सिन्हा की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक यह घटना एक जन्मदिन पार्टी के दौरान हुए छोटे से झगड़े के बाद अंजाम तक पहुँची।
दरअसल, प्रिया और उनके पति योगेश के बीच बेटे के बर्थडे पर दिए गए गिफ्ट्स को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि सास कुसुम भी बेटी के घर रुककर हालात को संभालने की कोशिश करने लगीं। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह बहस खून-खराबे में बदल जाएगी।
फ्लैट से मिली खून से लथपथ लाशें
30 अगस्त को प्रिया का भाई मेघ सिन्हा ने जब अपनी मां और बहन से संपर्क करने की कोशिश की तो फोन बार-बार बंद जा रहा था। दोपहर बाद जब वह बहन के घर पहुँचा तो दरवाज़ा बाहर से बंद मिला और लॉक पर खून के धब्बे दिखे।
लॉक तोड़कर अंदर प्रवेश करने पर उसने देखा कि मां और बहन कमरे में खून से सनी लाश के रूप में पड़ी थीं।
पुलिस की जांच और बरामद सामान
- पुलिस ने घटनास्थल से खून से सने कपड़े और कैंची बरामद की है, जिसे हत्या का हथियार माना जा रहा है।
- आरोपी योगेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
- शुरुआती जांच में घरेलू विवाद ही हत्या की मुख्य वजह बताई जा रही है।
- क्राइम टीम और FSL की जांच जारी है।
परिवार का दर्दनाक बयान
प्रिया के भाई हिमालय ने कहा:
👉 “मेरी मां बहन के घर विवाद सुलझाने गई थीं। उन्होंने कहा था कि सब ठीक करके लौट आएंगी। लेकिन अगले दिन फोन उठाना बंद कर दिया। जब हम घर पहुँचे तो दरवाज़े पर खून दिखा और अंदर मां-बहन लाश में तब्दील थीं। कौन ऐसा करता है? पति-पत्नी में झगड़े होते हैं, लेकिन इस तरह हत्या… यह अमानवीय है।”
17 साल पुराने रिश्ते का खौफनाक अंत
प्रिया और योगेश की शादी को 17 साल हो चुके थे। रिश्ते में समय-समय पर तकरार होना आम बात थी, लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि पति ने पत्नी और सास की जान ले ली और बच्चों को लेकर फरार हो गया।
पड़ोसियों और लोगों में दहशत
इस सनसनीखेज घटना के बाद आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। लोग हैरान हैं कि एक मामूली विवाद इंसान को इतना क्रूर और निर्दयी कैसे बना सकता है।
✍️मेरी राय
इस घटना ने फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि गुस्सा और अहंकार इंसान को हैवान बना देता है। परिवार के अंदर होने वाले झगड़े अगर समय रहते सुलझा लिए जाएं तो कई जिंदगियां बच सकती हैं। रिश्तों में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन हिंसा कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। यह मामला हमें याद दिलाता है कि घरेलू विवादों को संवाद और समझदारी से ही सुलझाना चाहिए, वरना इसके नतीजे बेहद दर्दनाक हो सकते हैं।