ग्रेटर नोएडा: Nikki Murder Case: पत्नी की हत्या के बाद भी पति की अकड़ बरकरार, निक्की के पिता ने भी रखी अपनी बात..

ग्रेटर नोएडा में दहेज की भूख ने एक और बेटी की जान ले ली। निक्की नाम की महिला, जिसकी शादी साल 2016 में विपिन भाटी से हुई थी, को उसके ससुराल वालों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। पुलिस के मुताबिक़, निक्की के शरीर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा आग से झुलस चुका था और अस्पताल पहुँचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।

सबसे दिल दहला देने वाली बात यह है कि यह सब उसकी आँखों के सामने हुआ, जिसने अभी मासूमियत से स्कूल जाना भी ठीक से शुरू नहीं किया था। छह साल के बेटे ने पुलिस को बयान देते हुए कहा – “मम्मा के ऊपर कुछ डाला, फिर थप्पड़ मारा और लाइटर से आग लगा दी।” मासूम की ये बात सुनकर हर किसी का दिल काँप उठा।

निक्की की बहन ने भी आरोप लगाया कि उसके ससुराल वाले लंबे समय से 36 लाख रुपये की दहेज माँग रहे थे। न मिलने पर पहले उसे पीटा गया और फिर पेट्रोल व तेज़ाब डालकर आग लगा दी गई।

पिता का दर्द:

अपनी बेटी की चिता देख निक्की के पिता का कलेजा फट पड़ा। रोते हुए उन्होंने कहा – “मेरी बेटी राख हो गई, उसकी चीखें आज भी कानों में गूंज रही हैं। उसने बताया था कि रोज़ उसे मारा-पीटा जाता है, पर हमने सोचा कि शादीशुदा ज़िंदगी में झगड़े हो जाते हैं। क्या पता था वही लोग मेरी बेटी को आग के हवाले कर देंगे।”

वहीं पति विपिन, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, गिरफ्तारी से पहले सोशल मीडिया पर निक्की की तस्वीरें डालते हुए लिख रहा था – “दुनिया मुझे कातिल कह रही है, निक्की। मैं बर्बाद हो गया हूँ।” लेकिन अस्पताल से उसने मीडिया को बयान दिया – “मुझे कोई पछतावा नहीं है, मैंने उसे नहीं मारा। पति-पत्नी में झगड़े होते रहते हैं।”

इस मामले की मुख्य बातें:

- निक्की को 36 लाख रुपये की दहेज माँग को लेकर जलाकर मार डाला गया।
- पीड़िता के बेटे ने पूरी घटना अपनी आँखों से देखी और पुलिस को बयान दिया।
- पति विपिन ने गिरफ्तारी से पहले सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट डाले, पर बाद में कहा –  "मुझे कोई पछतावा नहीं।"
- पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

✍️ मेरी राय

हर बार जब कोई बेटी दहेज की भेंट चढ़ती है, समाज का सिर शर्म से झुक जाता है। यह सिर्फ़ एक लड़की की मौत नहीं, बल्कि इंसानियत की भी हार है। एक मासूम बच्चा जिसने अपनी माँ को जिंदा जलते देखा, वह ज़ख्म शायद कभी नहीं भर पाएगा। हमें कानून की सख़्ती के साथ-साथ सोच भी बदलनी होगी। दहेज जैसी कुरीति को मिटाना ही असली इंसाफ़ है।



Post a Comment

Previous Post Next Post